केरल के एर्नाकुल में सेंट जोसेफ ईएमएचएसएस की एक छात्रा किरुथिका चंद्रशेखरन ने एक एक अभिनव सॉफ्टवेयर 'ओ एमईडी विकसित किया है। यह दर्द रहित, नॉन इनवेसिव ग्लूकोज मॉनिटरिंग उपकरण है, जो मधुमेह रोगियों में हृदय और गुर्दे की बीमारियों की सही पहचान करता है।

उन्होंने कहा, ''एक मधुमेह रोगी ग्लूकोमीटर रीडिंग पर एक साल में औसतन 32,000 रुपये खर्च करता है। मैंने इसके लिए एक पीएच शोध पत्र तैयार किया है जिससे इसमें सिर्फ 25 पैसे खर्च करने होंगे। 

इसके अलावा, मैंने एंड्रॉयड और क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग कर एक स्वचालित उपकरण बनाया है, जो बीमारी के होने या बीमारी की प्रारंभिक अवस्था का पता लगा सकता है।

देश के विभिन्न हिस्सों के विद्यालय के प्रतिभाशाली छात्रों द्वारा विकसित ये नवाचार उन 100 परियोजनाओं में शामिल हैं, जिन्हें आईआईटी दिल्ली में 4-8 दिसंबर तक आयोजित इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) के तहत आईआरआईएस (इनीशिएटिव फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन इन साइंस) राष्ट्रीय विज्ञान मेले में प्रदर्शित किया गया है।